प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना (PM Vishwakarma Yojana)

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♦प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना की शुरुआत माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी द्वारा 17 सितंबर 2023 को की गई है


♦प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना का उद्देश्य परंपरागत कारीगरों और शिल्पकारों को बढ़ावा देना है यह महत्वाकांक्षी योजना मोदी सरकार में से एक महत्वपूर्ण शासकीय योजना है जिससे पूरा भारत देश लाभान्वित हो रहा है इसके लिए परंपरागत कला में जैसे बढ़ई, लोहार, सुनार, दर्जी, कुम्हार, मोची, हस्तशिल्प और हथकरघा के कारीगर 16 परंपरागत कार्य करने वाले श्रेणी के लोगों को प्रोत्साहन करने के लिए यह योजना प्रारंभ की गई है


प्रधानमंत्री विश्वकर्म योजना के लाभ

♦5 दिन की ट्रेनिंग पूरी करने पर ₹4000 का नगद भुगतान

♦परंपरागत कला में निपुणता के लिए ₹15000 के लिए टूलकिट उपलब्ध कराना

♦यदि आप गूगल पर या फोन पर चलते हैं तो यूपीआई के द्वारा प्रत्येक यूपीआई ट्रांजैक्शन पर ₹1 का भुगतान अधिकतम ₹100 रुपए महीने कमा सकते हैं

♦इस महत्वाकांक्षी योजना के अंतर्गत इसके अलावा 18 महीने के लिए 5% वार्षिक दर्ज पर ब्याज दर पर ₹100000(एक लाख रुपये)का लोन सुविधा उपलब्ध है इसके लिए बैंक द्वारा आपसे संपर्क किया जाएगा इसके 18 महीने के भुगतान के बाद पुनः ₹200000(दो लाख रुपये) का ऋण प्रदान किया जाएगा 5% वार्षिक ब्याज दर पर जो मध्यम वर्ग के उद्योगों के लिए लाभकारी सिद्ध होगा


आवेदन कहाँ करें-

♦प्रधानमंत्री विश्वकर्म योजना का आवेदन किसी भी सीएससी(CSC) सेंटर पर जाकर कर सकते हैं

https://pmvishwakarma.gov.in


आवश्यक दस्तावेज:-

♦इसके लिए आधार कार्ड मोबाइल लिंक और अंगूठा फिंगरप्रिंट की जरूरत पड़ेगी

♦एक आपका बैंक में खाता होना चाहिए

♦पेनकार्ड


प्रधानमंत्री विश्वकर्म योजना की स्वीकृति और अंतिम चयन की प्रक्रिया:-

♦सीएससी(CSC) सेंटर के माध्यम से आवेदन दर्ज होने के बाद संबंधित ग्राम पंचायत के सरपंच के पास उनकी लॉगिन आईडी पर आपका आवेदन पहुंच जाएगा उसके बाद सरपंच के वेरीफाई करने के बाद जिला कलेक्टर के द्वारा आपका आवेदन स्वीकृत किया जाएगा इसके लिए आपको समय-समय पर मैसेज प्रदान किए जाएंगे


हितग्राही को ट्रेनिंग के लिए बुलावा कैसे आता है :-

♦जिले लेवल पर चयनित हितग्राही को फोन कर सूचना दी जाती है कि आपकी ट्रेनिंग चालू हो गई है आपको जिले में यहां पर आना है इसके बाद हितग्राही अपनी ट्रेनिंग पूरी करता है


♦परंपरागत कला के कारीगरों से यहां से तात्पर्य यह है कि जो पहले से वह धंधा करते आए हैं जैसे बधाई लोहार मोची सुंदर धोबी टोकरी बनाने वाले कलाकार पत्थर तोड़ने वाले ऐसी 16 कैटेगरी में परंपरागत कारीगर शामिल होते हैं


♦प्रधानमंत्री विश्वकर्म योजना का नोडल केंद्रीय मंत्रालय सूक्ष्म लघु और मध्यम उद्यम मंत्रालय हैं


♦प्रधानमंत्री की परंपरागत कारीगरों के लिए प्रोत्साहन उपलब्ध कराने के लिए यह महत्वाकांक्षी योजना प्रधानमंत्री माननीय नरेंद्र मोदी जी की सोच के लिए धन्यवाद अर्पित करते हैं इसके लिए कई लोगों के लिए लाभ मिल चुका है और यह सफलतापूर्वक अपने एक वर्ष पूरा भी कर चुकी है जिससे कई लोगों को लाभ मिला है